एनसीसी ब्रह्मपुत्र नौ-विहार अभियान का फ्लैग-इन समारोह संपन्न
गुवाहाटी, 10 नवंबर: साहस, नौकायन कौशल और राष्ट्रीय गौरव की प्रेरणादायक प्रदर्शनी के रूप में उत्तर-पूर्व क्षेत्रीय एनसीसी के तत्वावधान में आयोजित ब्रह्मपुत्र नौ-विहार अभियान का समापन गुवाहाटी के पांडु बंदर परिसर में हुआ। इस अभियान का नेतृत्व 49वीं नौसेना यूनिट एनसीसी के ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट कमांडर मनोज जोशी ने किया। सुरक्षा अधिकारी के रूप में 48वीं असम नौ यूनिट एनसीसी के ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट कमांडर तिलेश्वर नाथ ने अपनी भूमिका निभाई।
अभियान में असम सरकार के आंतरिक जल परिवहन विभाग (IWT) के एक पोत की सहायता से एनसीसी की चार नौकायन टीमों, दो नौसैनिक इकाइयों के साथ दो बचाव नौकाओं ने भाग लिया, जिससे पूरे सफर के दौरान सुरक्षा और संचार सुनिश्चित किया गया।
इस वर्ष यह यात्रा 1 नवंबर को विश्वनाथ घाट से प्रारंभ होकर 10 दिनों में पांडु पोर्ट घाट पर समाप्त हुई। कुल 248 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए टीम ने छह जिलों — विश्वनाथ, सोनितपुर, नगांव, मोरीगांव, दरंग और कामरूप — से होकर यात्रा पूरी की। प्रतिकूल मौसम और नदी की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच 48वीं और 49वीं नौ इकाई के कुल 80 सीनियर डिवीजन एनसीसी नौ कैडेट्स ने दृढ़ मानसिकता और सामूहिक सहयोग से यह अभियान सफलतापूर्वक पूरा किया।
पांडु बंदर में आयोजित फ्लैग-इन समारोह गौरवपूर्ण क्षण था। इस अवसर पर एनसीसी उत्तर-पूर्व क्षेत्र के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल अनुराग बी. जे. मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। साथ ही गुवाहाटी ग्रुप के ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर ए. के. बरा, जोरहाट ग्रुप के ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर कर्नल सिंह, अधिकारीगण, गणमान्य व्यक्ति और कैडेटों की उपस्थिति ने समारोह को और अधिक रंगीन बना दिया।
यह अभियान केवल सहनशीलता और नौसैनिक कौशल की परीक्षा नहीं था, बल्कि ऐतिहासिक सरायघाट युद्ध में अहोम सेना को विजय की राह दिखाने वाले महावीर अहोम सेनापति लाचित बरफुकन को श्रद्धांजलि भी थी। ब्रह्मपुत्र तट पर लड़ी गई उस युद्ध की रणनीतिक महत्ता और अदम्य मनोबल इस अभियान की प्रेरणा के रूप में झलकती रही।
एनसीसी की एकता और अनुशासन की भावना को आत्मसात करते हुए, असम की नदी परंपरा और भारत के युवाओं की अटूट जिजीविषा को समर्पित यह ब्रह्मपुत्र नौ-विहार अभियान इस वर्ष सफलतापूर्वक पांडु पोर्ट घाट पर संपन्न हुआ।


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